आदित्य शर्मा ने केन्द्रीय लोक सेवा आयोग द्वारा ली गई इंजिनियरी सेवा परिक्षा के तहत सन 1990 में केन्द्रीय जल आयोग में केन्द्रीय जल यांत्रिकी सेवा (ग्रुप ए) में पदभार गृहण किया। वे इस सेवा में आने के पूर्व राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान, रूडकी में जल क्षेत्र से संबंधित अनुसंधान कार्य से जुडे थे। उन्होंने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भोपाल से 1986 में सिविल इंजिनियरी की स्नातक उपाधि प्राप्त की तथा 1990 में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रूडकी से जल गति विज्ञान एवं सिंचाई में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की। तत्प्श्चात उन्होंने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय खुला विश्वविद्यालय (IGNOU), नई दिल्ली से वित्तीय प्रबंधन की व्यवसाय प्रबंधन में स्नातकोत्तर की पदवी प्राप्त की। हाल ही में जून 2017 में उन्होंने राष्ट्रीय वित्तीय प्रबंधन संस्थान, फरिदाबाद से प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा (वित्तीय प्रबंधन) प्राप्त किया।
केन्द्रीय जल यांत्रिकी सेवा के व्यावसायिक केरियर में उन्होंने केन्द्रीय जल आयोग, नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण तथा जल संसाधन मंत्रालय में विभिन्न पदों पर कार्य किया. जल क्षेत्र से जुडे विभिन्न क्षेत्रों, जैसे की बाँध अभिकल्प, बॉढ पूर्वानुमान, बॉढ प्रबंधन, जल गुणवत्ता, पुनर्व्यवस्थापन एवं पुनर्वास, जल संसाधन प्रकल्पों की जॉच, अंतरराज्यीय मामलें तथा मानव संसाधन प्रबंधन (भर्ती और नियुक्ति) इत्यादी क्षेत्रों का उन्हें 25 सालों का अनुभव हैं।
इंदौर स्थित नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण की 6 वर्षों की सेवा अवधि के दौरान वे व्यक्तिगत रूप में सरदार सरोवर परियोजना के पुनर्व्यवस्थापन एवं पुनर्वास मामलों से जुडे रहे। उन्होंने परियोजना प्रभावित प्रत्येक व्यक्ति की पुनर्वास संबंधी समस्याओं को गुजरात सरकार, मध्य प्रदेश सरकार तथा महाराष्ट्र सरकार के साथ परामर्श कर हल किया।
गांधीनगर, गुजरात की 9 वर्षों की सेवा अवधि में उन्होंने नर्मदा मुख्य नहर तथा शाखा नहर के अपरी भूभाग के कमान क्षेत्र विकास से जुडे विभिन्न कार्यक्रमों को केन्द्र तथा राज्य सरकार के समंवय से शीघ्र गति से पूर्ण करवाया। तथा नर्मदा मुख्य नहर तथा शाखा नहर से संबंधित विभिन्न मामलों का निपटारा सफलतापूर्वक किया।
अधिक्षण अभियंता, परियोजना, केन्द्रीय जल आयोग, फरीदाबाद के पद के कार्यकाल में 2011 से 2014 के दौरान आयोजित “भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला”, प्रगति मैदान, नई दिल्ली में जल संसाधन मंत्रालय तथा मंत्रालय के अधिनस्थ विभिन्न संगठनों की प्रतिभागिता की जिम्मेदारी निभायी। इस दौरान आयोजक एवं इस मेले में दर्शकों ने जल संसाधन मंत्रालय के मंडप की काफी प्रशंसा की। जल के प्रति जनजागृती हेतु विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जिसमें विद्यार्थियों के लिए प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन शामिल था ।
उन्होंने वरिष्ठ संयुक्त आयुक्त, जल संसाधन मंत्रालय के पद पर कार्य करते हुए मुल्ला पेरियार बाँध, अंतरराज्यीय मामलें तथा देश के बडे हिस्से में सूखे की स्थिती संबंधित संवेदनशील मामलों पर कार्य किया।
अप्रैल 2010 के दौरान यूनेस्को, डेल्फ, नीदरलैंड द्वारा “जल संसाधन परियोजना” विषय पर आयोजित अल्पावधि प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया। स्नातकोत्तर प्रबंधन डिप्लोमा (वित्तीय प्रबंधन) राष्ट्रीय वित्तीय प्रबंधन संस्थान, फरिदाबाद के अंतरराष्ट्रीय अनुलग्नक के हिस्से के रूप में जनवरी 2017 में उन्होने लुब्लियाना, स्लोवेनिया में प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया जिस का मुख्य विषय यूरोपियन अर्थव्यवस्था (उद्यमों को बढावा हेतु अंतरराष्ट्रीय केन्द्र) थी।
वर्तमान में वे 3 अगस्त 2017 से राष्ट्रीय जल अकादमी के निदेशक प्रभारी एवं कार्यालयाध्यक्ष के पद पर कार्य कर रहे है। राष्ट्रीय जल अकादमी के क्षितिज के विभिन्न पहलुओं का विस्तार करना उनका मुख्य उद्देश्य है। अंतरराष्ट्रीय प्रतिभागियों विशेषकर अफ्रीका एवं सार्क देशों के प्रतिभागियों को प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु वे विशेष प्रयास कर रहे है। इस के साथ जल क्षेत्र से जुडे अन्य नए क्षेत्रों को प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल करने का भी प्रयास जारी है। यह प्रयास राष्ट्रीय जल नीति के तहत स्थानीय तथा क्षेत्रीय जरूरतों को ध्यान में रखते हुए किए जा रहे है।
संपर्क :
+91-20-24380678 (कार्यालय)
+91-20-24380110 (फैक्स)
र्इ-मेल :
nwa[dot]mah[at]nic[dot]in,
sharma[dot]aditya[at]nic[dot]in